
भारतीय क्रिकेट पत्रकार
श्रीलंकाई क्रिकेटर कामिंदु मेण्डिस ने ज़िम्बाब्वे को हार का दौरा देने से रोक दिया।
हाराे का पहला टी20आई मैच हारे की मेज़बानी ज़िम्बाब्वे की थी। श्रीलंका की टीम चेस में बहुत आराम से चल रही थी। उनके दोनों ओपनर्स 96 रनों की पार्टनरशिप के साथ मैच को घरी दिखा रहे थे। पर मेज़बान टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया, और तीनों ओवरो में अपने टीम के चार विकेट आउट हो गए। इसी के साथ ही श्रीलंका की टीम की स्थिति बहुत ज़मीन-आसन पर आ गई, क्योंकि उन्हे 59 रन बनाने के लिए आख़िरी पाँच ओवर शामिल हो गए। इसी के समय मेण्डिस ने अपनी टीम की हाँ को बढ़ाया और अगले तीन ओवरो में चार सिक्सर लगाकर अपनी टीम को विजय के करीब ला दिया।
इस समय श्रीलंका टीम 176 रनों को भी आसानी से पूरा करने वाली थी। श्रीलंका के खिलाड़ी पथुम निशंकका ने इसी तरह का प्रदर्शन किया। उन्होंने खेल के शुरआत में ही बाला के पहले ओवर में तीन सिक्सर लगाकर ज़िम्बाब्वे के गेंदबाज़ बैलसिंग मुझारारेबानी को भी चकमा दिया। अगले दो ओवरो में निसंकका ने छह के रूप में श्रीलंका की कुल रन बनाने में महत्वपूर्ण योगादान दिया। दोनों ओपरेंर कुशल मेण्डिस जो अपनी मौजूदा प्रदर्शन में नियमित रूप से रन नहीं बना पा रहे थे, पर वेल से खेलते रहे। पूरे पहले तेन ओवरो में श्रीलंका की टीम ने एक भी विकेट को गंवाया नही, और 96 रन की साझेदारी कर अपनी जीत को सुनिश्चित कर दिया।
हालांकि इस दौरान श्रीलंका की कोई भी खिलाड़ी 180 रन पूरे करने के लिए कोशिश नहीं कर रहा था। उन्होंने अपने गेंदबाज़ के साथ मैच को फ़िर से शुरू किया। निसंकका के 55 रनों के बाद उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया। उनकी विकेट की गैरी ने श्रीलंकाई टीम को पीछे की ओर धकेल दिया। रिचार्ड नगरावा इसी तीन ओवरो में कुशल पेरेरा और कुशल मेण्डिस को भी आउट कर के श्रीलंका के खेल को कमजोर कर के खेल को पलट दिया। श्रीलंकाई के खिलाड़ी चारिथ असलंका को सिकंदर रज़ा ने आउट कर के श्रीलंकाई टीम का संतुलन तोड़ दिया और उन्होंने इसी के साथ मच्छरों की तरह उनके खेल को कमजोर कर के उन को विकेट के दहला दिया।
इसके बाद श्रीलंकाई टीम 19.1 ओवरो में 4 विकेट वाले हारे के लिए 177 रन बनाकर जीती उनमें कामिंदु मेण्डिस ने पूरे 41 रन शामिल किये।