पीठ में ऐंठन, तैयारी की कमी नहीं: खवाजा के पर्थ संघर्ष की सच्चाई
उस्मान खवाजा ने पर्थ टेस्ट से एक दिन पहले गोल्फ टूर्नामेंट जीता था। उन्होंने मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड और ऑस्ट्रेलियाई कोचिंग स्टाफ के साथ 18 होल खेले।
इसके साथ ही, उन्होंने गोल्फ से पहले के तीन दिनों में नेट्स में कुल छह घंटे बल्लेबाजी भी की थी।
खवाजा ने ऐशेज की तैयारी के लिए स्टीव स्मिथ के साथ मंगलवार को सबसे पहले नेट्स में प्रवेश किया था। वह आखिरी बल्लेबाजों में से थे जो नेट्स छोड़कर गए, और उन्होंने विभिन्न गेंदबाजों का सामना किया। बुधवार को भी वह जेक वेदरल्ड के साथ मिचेल स्टार्क की गेंदबाजी का सामना करने नेट्स में उतरे। टेस्ट से दो दिन पहले उन्होंने फील्डिंग और कैचिंग ड्रिल्स में भी हिस्सा लिया। यानी पर्थ टेस्ट से पहले खवाजा ने अपना सामान्य वर्कलोड पूरा किया था।
ऐसे में उनकी क्रिकेट के प्रति समर्पण पर सवाल उठाना अनुचित है। पहले टेस्ट की तैयारी के तरीके पर सवाल करना भी गलत है। यह कहना कि पीठ में ऐंठन का कारण गोल्फ था, बिल्कुल गलत है।
टेस्ट मैचों से पहले गोल्फ खेलना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आम बात हो गई है। यह मानसिक आराम और शारीरिक सक्रियता के लिए किया जाता है।
खवाजा ने मार्च 2023 में अहमदाबाद में भी टेस्ट से एक दिन पहले गोल्फ खेला था, और अगले दिन उन्होंने 180 रन बनाए थे। इसी तरह बर्मिंघम टेस्ट से पहले भी उन्होंने गोल्फ खेला था और शतक जड़ा था। टेस्ट से एक दिन पहले नेट प्रैक्टिस न करना भी आम बात है।
हालांकि, 38 वर्षीय बाएं हाथ के इस बल्लेबाज का पर्थ में पहली पारी में बल्लेबाजी न कर पाना उनके और टीम के लिए अच्छा नहीं रहा। खवाजा को शुक्रवार को मैच से पहले वार्म-अप के दौरान पीठ में अकड़न महसूस हुई। उन्होंने दर्द निवारक दवाएं लीं, लेकिन इंग्लैंड की पारी के कुछ ओवर बाद ही वह मैदान छोड़ने को मजबूर हो गए।
दूसरे दिन दर्द निवारक दवाओं की मदद से वह 15 ओवर तक मैदान पर रहे ताकि दूसरी पारी में ओपन कर सकें। लेकिन फर्स्ट स्लिप पर कैच लेने की कोशिश में उनका असहज गिरना उनकी उम्मीदों पर पानी फेर गया। खवाजा का लंगड़ाते हुए मैदान छोड़ना दुखद दृश्य था।
खवाजा के मुताबिक, यह "सबसे अच्छी पीठ ऐंठन" साबित हुई क्योंकि इससे ट्रैविस हेड को ऊपर बढ़ने का मौका मिला और उन्होंने शानदार पारी खेली। लेकिन अब खवाजा की टीम में जगह पर सवाल उठ रहे हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया ब्रिस्बेन में 1-0 की बढ़त बनाए रखना चाहेगा।
हेड के शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें ओपनिंग में बनाए रखने का मोह हो सकता है। वार्नर की रिटायरमेंट के बाद से खवाजा का प्रदर्शन भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। सीम-फ्रेंडली पिचों पर उन्होंने 27 पारियों में 21.44 के औसत से 536 रन बनाए हैं, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं।
ये आंकड़े उस बल्लेबाज के लिए अच्छे नहीं हैं जो पिछले दो सालों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट ओपनर रहे हैं। एससीजी में सपनों की विदाई की उम्मीद लिए खवाजा पर अब नजरें टिकी हैं, लेकिन चयनकर्ताओं के फैसले को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है।
आगे कुछ भी हो, वरिष्ठ बल्लेबाज की कोशिशों या तैयारी में किसी कमी के कारण नहीं होगा। जैसा कि पर्थ में नहीं हुआ था।
