आईपीएल में डेटा और एआई की भूमिका: राजस्थान रॉयल्स के नजरिए से
राजस्थान रॉयल्स के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रैटेजी एंड एनालिटिक्स गाइल्स लिंडसे ने आईपीएल में डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की।
घरेलू प्रतिभा की खोज में एनालिटिक्स टीम और स्काउट्स का सहयोग
राजस्थान रॉयल्स ने घरेलू प्रतिभा की पहचान के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया विकसित की है। एनालिटिक्स टीम पहले खिलाड़ियों का डेटा प्रोफाइल तैयार करती है, जिसमें विभिन्न टी-20 प्रतियोगिताओं में उनके प्रदर्शन के मापदंड शामिल होते हैं। इसके बाद स्काउट्स उन्हें टूर्नामेंट में देखने जाते हैं और रिपोर्ट दर्ज करते हैं।
सभी जानकारी एक डेटा वेयरहाउस में संग्रहित की जाती है, जिससे कोई भी महत्वपूर्ण विवरण न छूटे। वीडियो स्काउटिंग और ट्रायल्स के माध्यम से अंतिम पुष्टि की जाती है। यह प्रक्रिया स्काउट्स, एनालिस्ट्स और कोचों के बीच समन्वय सुनिश्चित करती है।
डेटा प्रोफाइल क्या है?
राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल जीतने के लिए आवश्यक मापदंडों को समझने के लिए डेटा साइंस का उपयोग किया है। इसमें पार स्कोर, मैच के विभिन्न चरण और विशिष्ट भूमिकाओं (जैसे फिनिशर या पावरप्ले गेंदबाज) के लिए आंकड़े-आधारित प्रोफाइल शामिल हैं। ये प्रोफाइल स्क्वाड की आवश्यकताओं के अनुसार निरंतर अद्यतन किए जाते हैं।
संजू सैमसन के जाने के बाद की रणनीति
संजू सैमसन के टीम छोड़ने से उत्पन्न रिक्तियों को भरने के लिए राजस्थान रॉयल्स ने रविंद्र जडेजा और सैम क्यूरन को टीम में शामिल किया। ध्रुव जुरेल की विकेटकीपिंग क्षमता और वैभव सूर्यवंशी के पिछले सीजन के प्रदर्शन से भी टीम को लाभ मिलने की उम्मीद है।
आईपीएल नीलामी में सीमित बजट और उपलब्ध खिलाड़ियों के बीच सर्वोत्तम संतुलन बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिससे टीम प्रबंधन निपट रहा है।
2025 मेगा ऑक्शन से पहले की रिटेंशन रणनीति
राजस्थान रॉयल्स ने 2025 मेगा ऑक्शन से पहले जोस बटलर, ट्रेंट बोल्ट, युजवेंद्र चहल और आर अश्विन जैसे खिलाड़ियों को छोड़ने का कठिन निर्णय लिया। यह निर्णय तीन-वर्षीय चक्र को ध्यान में रखकर लिया गया, जिसमें ध्रुव जुरेल जैसे युवा खिलाड़ियों पर दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया गया।
आईपीएल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका
राजस्थान रॉयल्स ने एआई का उपयोग डेटा प्रक्रियाओं को सरल बनाने, वीडियो कैप्चर करने, प्रशिक्षण सत्रों का विश्लेषण करने और नीलामी सिमुलेशन चलाने के लिए किया है।
लाइन-अप सिमुलेशन: एआई के माध्यम से हजारों "व्हाट-इफ" परिदृश्य चलाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रतिद्वंद्वियों और परिस्थितियों के अनुसार इष्टतम टीम संरचना तय करने में मदद करते हैं।
लाइव-मैच एनालिटिक्स: टीम के पास एक लाइव डैशबोर्ड है जो मैच के दौरान गेम स्टेट का विश्लेषण करता है और संभावित समायोजन के बारे में सुझाव देता है। यह टूल अपेक्षित रन रेट, मैचअप और गेम संदर्भ को ध्यान में रखते हुए वस्तुनिष्ठ जानकारी प्रदान करता है।
प्रशिक्षण उपकरण: स्ट्रैटबैट और फुलट्रैक.एआई जैसे उपकरणों से खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण संभव हुआ है। वैभव सूर्यवंशी ने स्ट्रैटबैट सेंसर की मदद से चार महीनों में अपनी टाइमिंग दक्षता में 12% सुधार किया।
नीलामी तैयारी: एआई की मदद से लाखों मॉक नीलामी सिमुलेशन चलाए जाते हैं, जिससे विभिन्न खिलाड़ियों की मांग और आपूर्ति का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया और डेटा स्वीकार्यता
खिलाड़ी अब डेटा एनालिटिक्स के प्रति अधिक खुले हैं, हालांकि उनकी रुचि स्तर भिन्न होता है। टीम प्रबंधन प्रत्येक खिलाड़ी की आवश्यकता के अनुसार जानकारी प्रदान करता है।
बेंस्टोक्स, स्टुअर्ट ब्रॉड और रियान पराग जैसे खिलाड़ी डेटा के प्रति विशेष रुचि दिखाते हैं, जबकि युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ी अधिक सहज दृष्टिकोण अपनाते हैं। गेंदबाज जैसे संदीप शर्मा और तुषार देशपांडे मैचअप और रणनीतिक योजना के लिए एनालिटिक्स का सक्रिय उपयोग करते हैं।
युवा खिलाड़ियों जैसे वैभव सूर्यवंशी को अधिक जानकारी के बोझ से बचाया जाता है, ताकि वे अपने प्राकृतिक खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
भविष्य की दिशा
एआई और ऑटोमेशन ने एनालिटिक्स प्रक्रियाओं को तेज किया है, लेकिन मानवीय निर्णय और कोच-खिलाड़ी संवाद अभी भी अहम भूमिका निभाते हैं। भविष्य में सभी आईपीएल टीमों के पास लाइव-मैच एआई टूल्स उपलब्ध होने की संभावना है।
